प्रिय मित्रों- आप सब का आज के भाषण समारोह में स्वागत है। पहले तो मैं आज के समारोह में आने और इसे सफल बनाने के लिए आप सभी का आभार व्यक्त करता हूँ। विशेष रुप से मैं अपने वरिष्ठजनो और साथी सदस्यो को धन्यवाद देना चाहुंगा जिन्होने दिन-रात मेहनत करके इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। जिससे ज्यादे से ज्यादे लोग हमसे जुड़े और राष्ट्रीय एकता के प्रति जाग्रित हो सकें।

जब हम राष्ट्रीय एकता के बारे में बात करते है, तो मैं सबसे पहले उस व्यक्ति की बात करना चाहूंगा जिसका हमारी आजादी के साथ हमारे समाज से जाति, वर्ग और लिंग के आधार पे भेदभाव जैसी कई तरह के कुरीतियो को उखाड़ फेकने में सबसे अहम योगदान था।

वह कोई और नही बल्कि के हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ही थे। जिन्होनें भारत के कई स्वतंत्रा संर्घष आंदोलनो में सफलतापूर्वक अपनी भूमिका निभाई। उन्होंनेलाँखो लोगो को अंग्रजो के खिलाफ आजादी की लड़ाई में आने के लिये प्रेरित किया और इसी सम्मिलित प्रयासो के चलते अंग्रजो को हमे स्वतंत्रा देने के लिये विवश होना पड़ा जोकि हमारा जन्म अधिकार के साथ ही हमारा मौलिक अधिकार भी है।

तो आइये जानते है उनके द्वारा किये कुछ महत्वपूर्ण आंनदोलनो के बारे में:

भारत छोड़ो आंदोलन
ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेकने के लिये महात्मा गाँधी ने 8 अगस्त 1942 को ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन का आवाह्नन किया। जोकि एक बहुत ही असरदार अभियान साबित हुआ। अपने इस आंनदोलन में भी उन्होंने सत्य और अंहिसा को ही आधार बनाया।

दांडी यात्रा
दांडी यात्रा गाँधी जी द्वारा अंग्रजो के विरुद्ध किए गये सबसे लोकप्रिय आंदोलन में से एक था। यह आंदोलन अंग्रजो द्वारा हमारे देश में नमक पर लगाए गये कर के विरोध में गाँधी जी के नेतृत्व में 12 मार्च से लेकर 6 अप्रैल 1930 तक चला, जिसमें उन्होंनेअपने समर्थको के साथ अहमदाबाद से लेकर गुजरात में ही स्थित दांडी तक 388 किलोमीटर की पैदल यात्रा की और दांडी पहुचकर उन्होने खुद से नमक बनाकर इस कानून का विरोध किया।

दलितो और अछूतो के लिये संर्घष
वह 8 मई 1933 का दिन था, जब गाँधी जी स्व शुद्धी के लिए 21 दिन के भूख हड़ताल पर चले गये इसी के साथ उन्होने दलितो और अछूतो के समर्थन में एक वर्षीय आंदोलन की शुरुआत की और उन्हें हरिजन के नाम से संबोधित किया। वैसे तो गाँधी जी का जन्म एक समपन्न और उंचे जाति के परिवार में हुआ था, पर उन्होंनेअपने पूरे जीवन दलितो और अछूतो के अधिकारों और उत्थान के लिये कार्य किया।

असहयोग आंदोलन
भला असहयोग आंदोलन के बारे में कौन नही जानता है ये गाँधी जी द्वारा किये प्रसिद्ध आंदोलनो में से एक है। इस आंनदोलन ने गाँधी जी को लोगो के सामने एक महान नायक के रुप में प्रस्तुत किया। यह एक देशव्यापी आंदोलन था जोकि जलियावाला बाँग नरसंघार के विरोध में शुरु हुआ था। जिसमें अंग्रेज सिपाहियो द्वारा अमृतसर में सैकड़ो निहत्थे और मासूम लोगो को मौत के घाट उतार दिया गया था।

5. खिलाफत आंदोलन

गाँधी जी ने अंग्रजो द्वारा खलीफा (मुस्लिम धर्म का सर्वोच्च धार्मिक पद) को हटाये जाने के विरोध में मुस्लिमो का समर्थन करते हुए सन् 1919 में खिलाफत आंदोलन की घोषणा की, जिससे वह मुसलसानो के बीच भी काफी प्रसिद्ध हुए और भारत जैसे बहुसांस्कृतिक देश के सबसे लोकप्रिय वक्ता और नायक बन गए।

अपने इन्ही विचारो और सिद्धांतो से महात्मा गाँधी ने पूरे विश्व को प्रभावित किया, और इसी लिए उन्हे केवल भारत में ही नही अपितु पूरे विश्व में एक महान व्यक्तित्व के रुप में याद किया जाता है।

बस मैं आपसे इतना कहते हुए अपने इस भाषण को समाप्त करने की अनुमति चाहूंगा। धन्यवाद!